Monday, July 19, 2010

Press statement issued by National General Secretary, Shri Vijay Goel

कांग्रेस - नीत यूपीए सरकार की गलत आर्थिक नीतियों, कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार के परिणामस्वरूप आज महंगाई सारी सीमाओं को पार कर गई है। भाजपा इस यूपीए सरकार के जन-विरोधी नीतियों के विरूध्द सड़क से लेकर संसद तक अपना विरोध जारी रखेगी। इसी क्रम में बेलगाम बढ़ती महंगाई के विरूध्द आम जनता में जागरूकता पैदा करने व केन्द्र सरकार द्वारा पैट्रोल, डीज़ल, कैरोसीन व रसोई गैस की बढ़ी कीमतों को वापस लेने के उद्देश्य से भाजपा ने देशव्यापी हस्ताक्षर अभियान चलाया था। इस अभियान के तहत लगभग 10 करोड़ लोगों ने महंगाई विरोधी हस्ताक्षर अभियान में हस्ताक्षर कर अपना विरोध प्रदर्श्ाित किया है। दिनांक 29 जुलाई, 2010 को यह देशव्यापी हस्ताक्षरित ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति महोदया को सौंपा जाएगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी, भाजपा के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, भाजपा के सभी वरिष्ठ नेतागण, सभी प्रदेशों के प्रदेश अध्यक्ष, एवं सभी सांसद सम्मिलित होंगे।


जहां भारत के लोग बढ़ती कीमतों के नीचे सिसक रहे हैं, वहीं आम आदमी पर कांग्रेस का हमला बदस्तूर जारी है। लोगों के घावों पर मरहम लगाने की बजाय कांग्रेस उन पर नमक छिड़कने पर तुली हुई है। पहले, केन्द्रीय बजट और फिर दिल्ली स्टेट के बजट ने लोगों की कमर तोड़ दी। केन्द्रीय बजट के द्वारा पैट्रोल, डीज़ल, उर्वरकों के मूल्य बढ़ाए गए, जिनका मुद्रास्फीति पर कुप्रभाव पड़ा और अन्य करों में भी वृध्दि हो गई। साथ ही सेवा कर ने भी आम आदमी पर भारी बोझ डाल दिया। फिर जून माह में पैट्रोल डीज़ल कैरोसिन ऑयल एवं रसोई गैस के दामों में फिर से वृध्दि की गई परिणामस्वरूप महंगाई थमने के बजाय बेहताशा बढ़ती ही जा रही है। आश्चर्य तो यह है कि एक तरफ तो महंगाई बढ़ रही है, दूसरी तरफ केंद्र में बैठी सरकार के मंत्री चुप्पी साधे बैठे है। देश के अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री अनुभवी वित्त मंत्री भविष्यवाणियां कर रहें हैं। कुछ माह में महंगाई कम होने की बात की जा रही है कांग्रेसनीत सरकार आश्वासन ही देती रही है कि मंहगाई कम होगी। लेकिन मंहगाई रूकने का नाम ही नही ले रही है। कालाबाजारी, स्टॉककिस्ट बढ़ रही हैं। सरकार की नीतियॉ असफल साबित हो रही है। यही नही सरकार जो नीतियां बना रही है, उससे मंहगाई और भी बढ़ती जा रही है।


अब देश के लोगों ने महसूस कर लिया है कि मूल्यवृध्दि कांग्रेस की जन-विरोधी नीतियों का ही परिणाम है - चाहे वह आयात-निर्यात हो, राजकोषीय मामला हो, खाद्य स्टॉक का प्रबंधन हो तथा वायदा बाजार आदि के बारे में लिए गए निर्णय हों। थोक मूल्य सूचकांक दो अंकों में प्रवेश कर रहा है, खाद्य पदार्थों के मूल्य लगभग 16 प्रतिशत ऊंचे हो रहे हैं।


कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में यह वायदा किया था कि महज सौ दिन में ही हम महंगाई कम कर देंगे। वह महंगाई, जिसकी मार आम जनता यूपीए-I के शासनकाल के अंतिम वर्षों में झेल रही थी। यूपीए-II के शासन के सौ दिन पूरे हुए और महंगाई कम होने की बजाय कई गुना बढ़ गई। एक वर्ष पूरे होने के पश्चात् भी महंगाई की रफ्तार घटने के बजाय बढ़ती ही चली गई।


आश्चर्य है - एक अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री के शासनकाल में मंहगाई बेलगाम बढ रही है और प्रधानमंत्री महोदय इस विषय पर कुछ भी कर पाने में असफल साबित हो रहे हैं।


भाजपा मांग करती हे कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देश की जनता को बताएं कि आखिर इस बढती हुई मंहगाई को रोकने के लिए प्रधानमंत्री व सरकार कौन कौन से कदम उठा रही हैं। या यह सब आश्वासन महज एक भुलावा है।

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